अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के शताब्दी वर्ष के अवसर पर श्री रामानन्द सरस्वती पुस्तकालय,जोकहरा द्वारा आजमगढ मण्डल कारागार के महिला प्रकोष्ठ में एक लघु पुस्तकालय की शुरुआत की गयी. इस पुस्तकालय में महिला कैदियों की रुचि के अनुसार पुस्तकें एवं पत्रिकायें रखी गयीं हैं एवं श्री रामानन्द सरस्वती पुस्तकालय में मौजूद पन्द्रह हजार से भी अधिक पुस्तकों का कैटेलाग मुहैया कराया गया है. मण्डल कारागार के जेल अधीक्षक श्री अवधेश कुमार मिश्र की पहल पर महिला कैदियों के लिये इस पुस्तकालय की शुरुआत जोकहरा पुस्तकालय के अध्यक्ष श्री सुधीर शर्मा ने की. उन्होंने अपने जेल जीवन के दौरान पुस्तकों से हुये व्यक्तित्व विकास की चर्चा करते हुये महिलाओं से गुजारिश की कि वे इन पुस्तकों से लाभ उठाते हुये अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लायें. इस अवसर पर महिला मुद्दों पर सक्रिय श्रीमती नसीमा खान ने निरक्षर महिला कैदियों को इस जेल जीवन के दौरान मुहैया समय का सदुपयोग करते हुये अक्षर ज्ञान पाने और बाँटने की अपील की.उन्होंने एक निरक्षर महिला बन्दी को वर्णमाला का पहला अक्षर लिखना सिखाया. श्री रामानन्द सरस्वती पुस्तकालय,जोकहरा की निदेशिका श्रीमती हिना देसाई ने महिला बन्दियों को रोजगार परक प्रशिक्षण देने की योजना को सामने रखा, जिससे बन्दी कैद में और कैद से रिहा होने के बाद आत्म निर्भर होकर समाज में सम्मान के साथ जीवन की ओर आगे बढ सके. बन्दियों ने इसके प्रति गहरा उत्साह दिखाया. उन्होंने बन्दियों से महिला हिंसा के स्वरूप और इसके विरोध पर चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में जोकहरा पुस्तकालय की बाल कलाकार ममता और मंचन के साथ सभी ने हिंसा विरोधी गीत गाये.
आजमगढ मण्डल कारागार के महिला प्रकोष्ठ में पुस्तकालय के अध्यक्ष श्री सुधीर शर्मा एवं निदेशिका श्रीमती हिना देसाई
महिला मुद्दों पर सक्रिय श्रीमती नसीमा खान महिला कैदियों के साथ
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